Tuesday, May 23, 2017

Why, All are towards Atmagyan

🌻 अमृत कण🌻
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जैसे हिमालय के निकट जाने पर ठन्डी हवा शरीर को स्पर्श करने लगती है, उसी तरह से आत्मा की ओर झुकते ही ब्रह्मानन्द और शान्ति की हवा हृदय को स्पर्श करने लगती है। थोड़ी देर के लिए सांसारिक तापों से जला हुआ हृदय शीतल हो जाता है। यही कारण है कि सबकी गति  आत्मा की ओर है।

---------------- योगेश्वर श्री शिव मुनि जी 🌴

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